नीतीश कुमार ने 2009 में खुद महादलित श्रेणी बनाई थी. क्या उन्हें इसका चुनावी फायदा होगा?
बिहार में पहले चरण के चुनावों के लिए नामांकन भरे जा चुके हैं. पहले चरण में वहां 28 अक्टूबर को चुनाव होने वाले हैं. दूसरे चरण के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है. बिहार में चुनावी ज्वर चढ़ चुका है. आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है. जेडीयू के ‘नीतीश सबके हैं’, के नारे पर आरजेडी का जवाब ‘आने वाली है तेजस्वी सरकार’ आ चुका है.
बिहार की राजनीति में जाति के मायने
बिहार की जनसंख्या में अपरकास्ट 15% हैं. यादव वहां 14%, मुसलमान 17%, एससी 16%, गैर यादव ओबीसी यानी एवाईओबीसी 36%, एसटी 1% और अन्य 2% हैं. इसमें कुर्मी (4%) (नीतीश खुद भी इसी समुदाय के हैं) और कोइरी/कुशवाहा (8%) एनवाईओबीसी के दायरे में आते हैं. ‘एनवाईओबीसी’ शब्द का इस्तेमाल अधिकतर उत्तर प्रदेश की राजनीति में…
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