बिहार चुनाव में अब लड़ाई स्पष्ट होती जा रही है। चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अलग से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद मामला भी साफ हो गया है। भाजपा अपने मुख्य सहयोगी नीतीश कुमार को बैक सीट पर कर खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावेदारी करना चाहती है। वहीं नीतीश भी उद्धव ठाकरे बनकर भाजपा को झटका देने में सक्षम हैं।
1. भाजपा के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद– साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला महागठबंधन से देखने को मिला। जिसमें आराजेडी और जेडीयू जैसे दो सबसे बड़ी पार्टियों ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा। लेकिन फिर भी भाजपा के वोट प्रतिशत में 7.94 फीसदी की उछाल देखी गई। वहीं, इस बार चुनाव में भाजपा के और बेहतर प्रदर्शन करने के आसार हैं। VDP एसोसिएट सर्वे के अनुसार भाजपा, जेडीयू से आगे है। भाजपा की करीब…
View original post 602 more words